Haryana

हरियाणा बना देश का पहला राज्य, जहां लागू होंगे तीन नए आपराधिक कानून!

हरियाणा से बड़ी खबर है! प्रदेश जल्द ही तीन नए आपराधिक कानून लागू करने वाला है, जिससे यह देश का पहला राज्य बन जाएगा जिसने इन कानूनों को अपनाया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने घोषणा करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार 28 फरवरी से इन तीनों नए आपराधिक कानूनों को लागू करने जा रही है।


क्या हैं तीन नए आपराधिक कानून? 🔍⚖️

इन तीन नए कानूनों में शामिल हैं:

1️⃣ भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 2️⃣ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 3️⃣ भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023

ये कानून 1 जुलाई 2024 से भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह ले चुके हैं। नई संहिताओं का उद्देश्य न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी और आधुनिक बनाना है।


नए कानूनों की खास बातें 📜📌

✅ पहली बार मॉब लिंचिंग को परिभाषित किया गया है। ✅ FIR दर्ज होने से सुप्रीम कोर्ट तक 3 साल में न्याय सुनिश्चित करने का प्रयास। ✅ सभी प्रक्रियाओं के पूरा होने की समयसीमा तय की गई है, जिससे “तारीख पर तारीख” से छुटकारा मिलेगा। ✅ 7 साल या उससे अधिक की सजा वाले अपराधों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य होगी। ✅ इलेक्ट्रॉनिक सबूतों (ऑडियो-वीडियो) को कानूनी मान्यता दी गई है। ✅ कानूनों पर लगभग 22.5 लाख पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग के लिए 12,000 मास्टर ट्रेनर्स तैयार किए गए। ✅ नए कानूनों में रिमांड की अवधि पहले की तरह 15 दिन ही रखी गई है। ✅ कानूनों को भारत की सभी क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।


हरियाणा में कब और कैसे होंगे लागू? 🏛️📆

मुख्यमंत्री सैनी ने गृह और पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि हरियाणा पहला राज्य बनेगा जो इन कानूनों को लागू करेगा। बैठक में उन्होंने पुलिस को अवैध अप्रवास (इमिग्रेशन) रोकने, अवैध रूप से विदेश जाने और वहां से आने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हम 31 मार्च की तय सीमा से पहले, 28 फरवरी तक हरियाणा में ये नए कानून लागू कर देंगे।”


क्या होगा असर? 🔄⚖️

📌 तेज और पारदर्शी न्याय प्रक्रिया: मामले जल्द निपटेंगे और नागरिकों को न्याय मिलने में देरी नहीं होगी। 📌 सख्त दंड और मॉब लिंचिंग पर कड़ा नियंत्रण: पहली बार मॉब लिंचिंग पर कानून बनने से अपराधों में कमी आएगी। 📌 तकनीकी सबूतों को प्राथमिकता: डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणों को कानूनी दर्जा मिलने से अपराधों की जांच में आसानी होगी। 📌 फॉरेंसिक जांच को अनिवार्य करना: गहन जांच प्रक्रिया के कारण दोषियों को सजा मिलना अधिक सुनिश्चित होगा।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अहम भूमिका 🏛️🇮🇳

गृह मंत्री अमित शाह ने इन कानूनों की समीक्षा के लिए 158 बैठकें की हैं। इन नए कानूनों को लागू करने का मकसद 140 करोड़ भारतीयों को त्वरित और प्रभावी न्याय दिलाना है।

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